बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है?

शहनाई ऐसा वाद्य है जिसे मांगलिक अवसरों पर ही बजाया जाता है। बिस्मिल्लाह खाँ जी प्रसिद्ध शहनाई वादक है। वे काशी में विश्वनाथ मंदिर में मंगल ध्वनि बजाते थे। मांगलिक अवसरों पर शहनाई बजाने की सदैव से परंपरा रही है। इस शहनाई बजाने की परंपरा में बिस्मिल्ला खाँ अपने सुर के कारण अब तक के इतिहास में सर्वोपरि रहे हैं। उन्हें हमेशा लगता था कि उनकी शहनाई वादन में कहीं कुछ कमी रह गई है इसलिए वे पूरे अस्सी वर्ष तक सच्ची रियाज़ कर सुर साधना करते रहे। वे संगीत के नायक रहे हैं। उन्होंने सामान्य मांगलिक कार्यों से लेकर अनेक सुप्रसिद्ध मांगलिक कार्यों में शहनाई बजाई है। यही कारण है कि उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है।


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